Call +91-977 368 7727

कुंडली मिलान, जिसे गुण मिलान या मेलापक भी कहा जाता है, हिंदू विवाह परंपरा में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह ज्योतिष शास्त्र पर आधारित होती है, जिसमें वर और वधू की जन्म कुंडलियों का मिलान कर यह देखा जाता है कि दोनों के बीच सामंजस्य, प्रेम, स्वास्थ्य, संतान सुख और वैवाहिक जीवन कितना सफल रहेगा।

कुंडली मिलान क्यों ज़रूरी है?

कुंडली मिलान से निम्नलिखित बातों का पता लगाया जाता है:

  1. गुण मिलान (Ashtakoota Matching): 36 गुणों का मिलान किया जाता है। जितने अधिक गुण मिलते हैं, उतना ही विवाह शुभ माना जाता है।

  2. मंगल दोष की जांच (Mangal Dosha): मंगल ग्रह की स्थिति के आधार पर यह देखा जाता है कि मंगल दोष है या नहीं, और उसके उपाय क्या हो सकते हैं।

  3. ग्रहों की अनुकूलता: दोनों की ग्रह स्थिति यह दर्शाती है कि वे मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से एक-दूसरे के अनुकूल हैं या नहीं।

  4. दीर्घायु और संतान सुख: यह भी देखा जाता है कि विवाह के बाद जीवन साथी का स्वास्थ्य कैसा रहेगा और संतान सुख मिलेगा या नहीं।

  5. मंगल दोष (Mangal Dosha) क्या है?

    यदि किसी की कुंडली में मंगल ग्रह 1st, 4th, 7th, 8th या 12th भाव में स्थित हो, तो उसे मंगल दोष कहा जाता है। यह वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है जैसे कि तनाव, विवाद, या स्वास्थ्य समस्याएँ।

    Appointment Date
    Time:

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis, pulvinar dapibus leo.

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis, pulvinar dapibus leo.